पालिका सभासदों ने मसूरी में आई प्राकृतिक आपदा को लेकर कहा : प्रकृति से छेड़छाड़, पेड़ों का अवैध कटान व नालो ,खालों पर अवैध कब्जा होने के कारण इस आपदा का सामना करना पड़ रहा है।
सुनील उनियाल
मसूूरी:- मसूरी में आयी प्राकृतिक आपदा पर पालिका सभासदों ने इसे प्रकृति से छेडछाड़ व अवैघ पेड़ो का पातन व अवैघ निर्माण को मुख्य कारण माना। वहीं अपने वार्डों में हुए नुकसान की जानकारी साझा की। सभासद जसबीर कौर ने कहा कि उत्तराखंड मसूरी में आपदा आयी है जिसमें कुछ प्राकृतिक व कुछ हम जो प्रकृति से छेडछाड करते हैं प्रमुख कारण है, मसूरी को सबसे अधिक सुरक्षित माना जाता था, यहां पर भी भारी नुकसान हुआ है, जिसमें अवैध मकानों का बनाया जाना, निर्माण का मलवा पहाडियों पर फेंकना है जो बरसात में बह कर तबाही मचाता है वहीं अतिक्रमणव विशेष कर नालों पर अतिक्रमण है अधिकतर नालों पर अतिक्रमण हो चुका है उसे गंभीरता से लेना चाहिए। पालिका अतिक्रमण को गंभीरता से नहीं लेती, जिस कारण अवैध मकान लगातार बन रहे है जो बरसात में आपदा का कारण बनते है उन्हें समय रहते नहीं हटाया जाता व आपदा के बाद वह मुआवजा मांगते हैं। उन्होंने कहा कि मसूरी के लिए वैकल्पिक मार्ग बनाया जाना जरूरी है विशेष कर एलकेडी रोड को हर हाल में बनाया जाना चाहिए। वही अवैध पेडों के पातन, व खनन भी कारण है इस पर प्रशासन की ओर से सख्ती होनी चाहिए। पालिका सभासद गीता कुमाई ने कहा कि बोर्ड में जो वार्ड में नुकसान हुआ है उसकी जानकारी दी गयी लेकिन जहां आपदा की संभावना है वहां कार्य करने की जरूरत है। उन्हांने कहा कि कैमलबैक रोड पूरी बैठ रही है, जिसमें दो प्राइवेट संपत्तियों ने दीवार लगा दी व पानी की निकासी रोक दी, इससे रोड बैठेगी तो उसके नीचे बड़ी संख्या में लोगों के आवास है जिन्हें नुकसान हो सकता है, वहीं नालों पर से अतिक्रमण हटाया जाना चाहिए ताकि पानी की सही निकासी हो सके। वहीं वन विभाग को खतरे वाले पेड़ों की लोपिंग करनी चाहिए उन्हें 26पेडों की लोपिंग को कहा गया है पेडो के घरों के नजदीक होने से बिजली गिरने का भी खतरा बना है। वहीं जो कार्य हो वह गुणवत्तायुक्त होना चाहिए, प्रकृति से छेडछाड बंद होनी चाहिए। सभासद पवन थलवाल ने कहा कि नालों पर अतिक्रमण की बात हर बार होती है लेकिन कार्रवाई नही होती, इस बार कहा कि सभी सभासद अपने वार्डों के नालों का सर्वे करें व नालों को खुलवाने व अतिक्रमण मुक्त करवाये। उन्होंने कहा कि मसूरी के लिए वैकल्पिक मार्ग जरूर बनना चाहिए, जिसमें झडीपानी राजपुर ट्रेकिंग मार्ग को आपात काल के लिए बनाया जाना चाहिए व झडीपानी कोल्हूखेत मार्ग को पक्का कर बनाया जाना चाहिए। पालिका सभासद विशाल खरोला ने कहा कि सबसे पहले हमें इस आपदा से सीख लेने की जरूरत है व इसके कारणों का पता लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मसूरी के ज्योलाजिकल सर्वे व स्टडी करवाने की जरूरत है कि आखिर पहाड़ क्यों लगातार कहर बरपा रहे हैं, ऐसे पहाड़ चिन्हित करने चाहिए जहां खतरा है, वहीं हर बरसात से पहले आपदा के लिए मॉक ड्रिल करवायी जानी चाहिए कि आपदा आने पर किस तरह बचाव कार्य किए जा सकते हैं।
संपादक: सुनील उनियाल
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