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August 1, 2025

सार्थक बिगुल

पर्वतीय क्रांति की आवाज

अंतरराष्ट्रीय रेफरी नंद किशोर बंबू की 16 वीं पुण्यतिथि पर मसूरी में खेलों को बढ़ावा देने के लिए उनके योगदान को याद किया

सुनील उनियाल/   मसूरी_       मसूरी का नाम रोलर हॉकी व स्केटिंग में विश्व व ओलंपिक तक पहुंचाने वाले अंतर्राष्ट्रीय रेफरी नंद किशोर बंबू की 16वीं पुण्य तिथि पर मसूरी स्पोर्टस एसोसिएशन के पदाधिकारियों व सदस्यों ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रंद्धाजलि दी व मसूरी में खेलों को बढावा देने के लिए उनके योगदान को याद किया।
मसूरी स्पोर्टस एसोसिएशन के तत्वाधान में राज भवन कैपटी रोड पर नंद किशोर बंबू की पुण्य तिथि मनाई गई। इस मौके पर एसोसिएशन के अध्यक्ष सूरत सिंह रावत ने कहा कि नंद किशोर बंबू ने मसूरी का नाम विश्व स्तर पर रोशन किया व मसूरी में खेलों को बढावा देने के साथ ही उत्तराखंड की संस्कृति को भी बढावा दिया। उन्होंने इस मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि ऐसे महान खिलाड़ी व नेतृत्व क्षमता वाले समाज में बिरला होते हैं। इस मौके पर एमएसए के उपाध्यक्ष बिजेंद्र पुडीर ने कहा कि नंद किशोर बंबू ने विदेशों में कई स्थानों पर रोलर स्केटिंग व रोलर हॉकी में भारत का नेतृत्व किया व कड़ी मेहनत से वह अंतर्राष्ट्रीय रोलर स्केटिंग हॉकी के रैफरी बने व वार्सिंलोना ओलंपिक में उन्होंने  रोलर स्केटिंग हॉकी मैच की रैफरशिप की। उन्होने यह भी बताया कि भिलाडू स्टेडियम के लिए उन्होंने बड़ा संघर्ष किया जिसके परिणाम स्वरूप आज भिलाडू स्टेडियम के निर्माण की कार्रवाई आगे बढी है व उनके द्वारा किए गए प्रयासों से मसूरी को खेल स्टेडियम शीघ्र मिलेगा। इस मौके पर एमएसए के पूर्व अंध्यक्ष अनुज तायल ने कहाकि बंबू भाई अनोखी प्रतिभा के धनी थे वह जिस कार्य को हाथ में लेते थे उसे पूरा करके ही छोड़ते थे। उन्होंने कहाकि वह भले ही स्केटिंग के रैफरी थे लेकिन क्रिकेट उनकी आत्मा में बसता था, उनके भारत के दिग्गज क्रिकेटरों से घनिष्ठ संबंध थे जिसमें सुनील गावस्कर व अभिनेता टाम आल्टर प्रमुख थे। उन्हानें कहाकि मसूरी में उनके नाम पर क्रिकेट की प्रमितयोगिता आयोजित करवानी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि उत्तराखंड राज्य बनने के बाद पहली बार राज्य खेल प्रतियोगिता करवाई जिसमें 33 खेल करवाये व उसके बाद आज तक प्रदेश सरकार ने राज्य खेल नहीं करवाये। इस मौके पर बंबू के भाई व एमएसए के पूर्व अध्यक्ष रूप चंद गुरूजी ने कहा कि वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे, उन्होंने खेलों के साथ ही मसूरी आटम फेस्टिवल को संचालित करने में अहम भूमिका निभाई व जब सरकार ने आटम फेस्टिवल नहीं करवाया तो अपने दम पर करवा के दिखा दिया। उन्होंने मसूरी में साइकिल रिक्शा दौड़ घोड़ा दौड जैसी अनोखी प्रतियोगिताएं भी करवायी। उनके निधन से मसूरी के खेल प्रेमियों को गहरा आघात लगा व उसके बाद से मसूरी में खेल प्रतियोगिताओं में कमी आयी। इस मौके पर विजय जुगराण, जगवीर भंडारी, सुरेश गोयल, आदि ने उनके साथ बिताये दिनों के अनेक संस्मरण सुनाये। इस मौके पर प्रदीप रौछेला, रफीक अहमद, एमएसए के महामंत्री सौरभ सोनकर, संजय टम्टा आदि मौजूद रहे।

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संपादक: सुनील उनियाल

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