पहाड़ों की रानी मसूरी के अनेक मंदिरों में अन्नकूट व गोवर्धन पर्व पर भंडारे का आयोजन किया।
सुनील उनियाल
मसूरी:- पर्यटन नगरी में गोवर्धन पूजा व अन्नकूट का पर्व पूरे धार्मिक पंरपराओं के साथ मनाया गया। इस मौके पर मंदिरों में विशेष पूजा की गयी व उसके बाद अन्नकूट के भंडारे का आयोजन किया गया।
गोवर्धन व अन्नकूट का पर्व मसूरी में पारंपरिक व धार्मिक मान्यताओं के साथ मनाया गया। इस मौके पर मदिरों में विशेष पूजा अर्चना की गयी व उसके बाद भंडारे का आयोजन किया गया। इस मौके पर सनातन धर्म मंदिर, राधाकृष्ण मंदिर व लक्ष्मीनारायण मंदिर में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गये व भंडारे का आयोजन किया गया। राधाकृष्ण मंदिर में अध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने बताया कि दीपावली के बाद मनाये जाने वाले इस पर्व का विशेष महत्व है,इस दिन को भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाकर ब्रजवासियों को इंद्र की मूसलाधार बारिश से बचाने की याद में मनाया जाता है। इस पर्व पर विभिन्न प्रकार के पकवान और व्यंजन बनाकर भगवान को भोग लगाया जाता है, जो प्रकृति के प्रति आभार और खुशहाली के लिए मनाया जाता है। यह पर्व 56 प्रकार के व्यंजनों को भगवान को अर्पित करने और प्रकृति का सम्मान करने का प्रतीक है। वहीं भगवान कृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर सात दिनों तक ब्रजवासियों को इंद्र के क्रोध से बचाया था। इस घटना के बाद, भगवान कृष्ण ने प्रकृति पर्वत और अन्न की पूजा करने का आदेश दिया था। अन्नकूट प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का पर्व है। इस दिवस पर तरह-तरह के व्यंजन बनाकर भगवान को भोग लगाया जाता है, जिसे अन्नकूट कहा जाता है। उन्होंने बताया कि यह पर्व सुखी और समृद्ध जीवन की कामना के लिए मनाया जाता है। श्रद्धालु इस दिन भगवान कृष्ण का आभार व्यक्त करते हैं और उनकी कृपा और आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं। अन्नकूट में विभिन्न प्रकार के अन्न और मिठाइयों का भोग लगाया जाता है, जो विविधता और प्रचुरता का प्रतीक है। इस मौके पर राधाकृष्ण मदिर समिति के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल, सुरेश गोयल, कश्मीरी लाल, पूरण जुयाल, पालिका सभासद अमित भटट, संजय अग्रवाल, सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
संपादक: सुनील उनियाल
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